भगवान राम का जन्म और अयोध्या में प्रवेश By वनिता कस्निया पंजाब भगवान राम का अवतार जीवों पर दया करने के लिए था । भगवान भारत भूमि पर 24 अवतार लेते हैं । कृष्ण भगवान का अवतार जीवों पर दया करने के लिए था । इसी तरह बाकी के अवतार भी जीवों का कल्याण करने के लिए थे । लेकिन एक दिन भगवान कल्कि आयेंगे और घोड़े पर सवार होकर सभी पापियों को मार देंगे । भगवान कल्कि गीता का ज्ञान नहीं देंगे, भगवान कल्कि अपने हाथ में तलवार लेकर सभी पापियों को मार देंगे । अब्दुल रहीम खान खाना ने जब रामचरितमानस पढ़ी तब उन्होंने कहा कि कि रामचरितमानस केवल हिंदुओं का ग्रंथ नहीं है वल्कि यह तो संपूर्ण मानव जाति का ग्रंथ है । गोस्वामी जी कहते हैं कि जो रामचरितमानस सरोवर में श्रद्धा पूर्वक स्नान करेंगे वे इस संसार रूपी सूरज की किरणों से नहीं जलेंगे । यह भी पढ़ें – माता कैकई का चरित्र वर्णाश्रम में विश्वास रखने वालों का भी रामचरितमानस से उद्धार होगा और जो विश्वास नहीं रखते हैं उनका भी उद्धार होगा । राम भगवान का जन्म जगत के मंगल के लिए ही हुआ । राम किसी सम्प्रदाय विशेस नहीं हैं । राम का एक अर्थ है जो सभी राष्ट्रों का मंगल ...
🌹🪴गीता ज्ञान🪴🌹कटप्पा – महान भक्त, जिन्होंने अपनी दोनों आँखें भेंट दे दीं By वनिता कासनियां पंजाब. कटप्पा दोस्तों आप लोगों ने बाहुबली फिल्म जरूर देखी होगी । उसमे बताया गया है कि किस तरह एक राज्य के वफादार कटप्पा ने बाहुबली के मर जाने के बाद भी शाशन का साथ निभाया । दोस्तों क्या आप जानते हैं कि आखिर यह कटप्पा नाम शास्त्रों में कहाँ से लिया गया है । चलिए आपको बताते हैं।गीता ज्ञानआज हम कटप्पा नाम के एक व्यक्ति के बारे में जानेंगे और जानेंगे कि उसने भगवान शिव को मांस का टुकड़ा और अपनी आँखें समर्पित क्यों कीं थी । कटप्पा का जन्म कालहस्ती के पास उदयपुर में एक शिकारी परिवार में हुआ था । वर्तमान के उदयपुर में जिसे उस समय उत्तर कुरु के नाम से जाना जाता था । आंध्र प्रदेश के राजमपेट में कटप्पा एक धनुर्धर एक दिन शिकार करने गया लेकिन जंगल में उन्हें एक मंदिर मिला जिसमें शिवलिंग था ।कटप्पा भगवान शिव के भक्त थे और वह भगवान शिव को कुछ देना चाहते थे परंतु वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि शिव को भेंट कैसे और किस प्रलकार से करें । फिर उन्होंने मांस का एक टुकड़ा भेंट देने का विचार किया जो उन्हें शिकार करने से मिला था और मासूमियत से शिवलिंग पर मांस का टुकड़ा चढ़ा दिया और खुशी से यह विश्वास करते हुए चले गए कि भगवान शिव ने उनकी भेंट स्वीकार कर ली होगी ।मंदिर की देखभाल एक ब्राह्मण करता था जो मंदिर से बहुत दूर रहता था । अगले दिन जब ब्राह्मण वहाँ पहुँचा तो शिवलिंग के बगल में मांस पड़ा हुआ देखकर दंग रह गया । लेकिन फिर उन्होंने यह सोचकर अपने मन को शांत किया कि यह किसी जानवर का काम होगा और उन्होंने मंदिर की सफाई की और अपने दैनिक अनुष्ठान किए और चले गए ।कटप्पा प्रतिदिन श्रद्धा भाव से पूजा पाठ करने लगेगाँव में कटप्पा अपने तरीके से शिवलिंग की पूजा करता था । वह शिकार के बाद शिवलिंग को देखने और उससे बात करने के लिए प्रतिदिन मंदिर जाता था और अपनी श्रद्धा भावना में मांस चढ़ाता था क्योंकि उसे पता नहीं था कि भगवान की पूजा कैसे की जाती है । हर सुबह ब्राह्मण यह सोचकर शिवलिंग की सफाई करते थे कि यह किसी जानवर ने किया होगा ।एक दिन कटप्पा शिकार के बाद फिर से मंदिर गया और शिवलिंग पर कुछ धूल देखी जिसे उसने साफ करने का फैसला किया । लेकिन कटप्पा ने पाया कि उसके पास पानी लाने के लिए कोई बर्तन नहीं है । वह पास में बहती नदी के पास गया और जैसे तैसे एक बर्तन ढूढ़कर पानी भरकर लाया । फिर शिवलिंग के पास वापस चला गया और उसने सारा पानी शिवलिंग के ऊपर डाल दिया ।जब ब्राह्मण वापस मंदिर में आया तो वह शिवलिंग पर मांस और पानी देखकर घृणा से भर गया । उसे एहसास हुआ कि कोई भी जानवर ऐसा नहीं कर सकता है और केवल इंसान ही ऐसा कर सकता है । ब्राह्मण की आँखों में आंसू भर आए और उसने भगवान शिव से पूछा कि आप अपने लिए ऐसा अपमान कैसे सहन कर सकते हैं ।ईश्वर के प्रति सच्चा प्यार और भक्तिभगवान शिव ने अपने भक्त ब्राह्मण को उत्तर दिया कि जिसे तुम अपमान समझते हो, मेरे लिए दूसरे भक्त की ओर से भेंट है । मैं उनकी भक्ति से बंधा हूँ और जो कुछ भी वह प्रदान करता है उसे स्वीकार करता हूँ । भगवान शिव ने ब्राह्मण से कहा कि यदि आप उनकी भक्ति को देखना चाहते हैं तो पास में ही कहीं छिप जाएँ क्योंकि वे आने वाले हैं । ब्राह्मण झाड़ी के पास छिप गए ।कटप्पा हमेशा की तरह मांस लेकर पहुँचा तो यह देखकर हैरान रह गया कि शिव हमेशा की तरह उसकी भेंट स्वीकार नहीं कर रहे थे । कटप्पा ने सोचा कि उसने ऐसा क्या किया है कि शिव उसकी भेंट स्वीकार नहीं कर रहे हैं । उसने शिवलिंग को करीब से देखा और पाया कि शिवलिंग की दाहिनी आँख से कुछ रिस रहा था । कटप्पा ने शिवलिंग पर कुछ जड़ी बूटियां डाल दीं ताकि वो ठीक हो सकें लेकिन कटप्पा रक्त को रोकने में असफल रहे ।अंत में कटप्पा ने अपनी आँखें देने का फैसला किया । उसने चाकू निकाल कर अपनी दाहिनी आँख को निकालकर शिवलिंग पर रख दिया । खून रुक गया और कटप्पा ने राहत की सांस ली । लेकिन तभी उसने देखा कि अब बाई आँख से खून आने लगा है । उसने तुरंत अपनी दूसरी आँख निकालने के लिए चाकू निकाला । उसे लगा कि दोनों आँखों के बिना वह नहीं देख पाएगा कि उसे आँख कहाँ रखनी है ।अपनी भक्ति भावना में उसने शिव पर पैर भी रख दियाउसने अपना एक पैर शिवलिंग की आँख पर रखा और अपनी दूसरी आँख भी निकाल कर भगवान शिव को अर्पित कर दी । भगवान शिव के प्रति कटप्पा की अपार भक्ति देखकर ब्राह्मण हैरान रह गए थे । कटप्पा की भक्ति देखकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसकी दृष्टि लौटा दी । कटप्पा ने भगवान शिव को प्रणाम किया और भगवान शिव को देख कर उनकी आँखों में खुशी के आंसू आ गए ।एक आदिवासी को संत की उपाधि प्रदान करते हुए भगवान ने दोहराया कि यह प्रभु के लिए सच्चा प्यार और भक्ति है ना कि हमारे द्वारा की जाने वाली प्रार्थना और अनुष्ठान, जो प्रभु को अपने पूरे हृदय से प्रेम करते हैं वही उसे प्राप्त करने की आशा कर सकते हैं ।तो दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी आप कमेंट करके हमें अवश्य बताएं । दोस्तों क्या आप जानते हैं कि भारत देश में न जाने कितने लोग इस तरह के सच्चे श्रद्धालुओं का मजाक उड़ाते हैं । हमाराआपसे अनुरोध है इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें । दोस्तों हमें श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझना चाहिए न कि उनका मजाक उड़ाना चाहिए । हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि इस दुनिया में अश्रद्धालुओं को भी सम्मान मिलना चाहिए लेकिन कुछ थोड़े बहुत श्रद्धालुओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए ।इसी तरह की धार्मिक और मजेदार पोस्ट को पड़ते रहने के लिए हमारा व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन अवश्य करें । ग्रुप ज्वाइन कररने के लिए यहाँ क्लिक करें – Join Whatsapp । आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
🌹🪴 गीता ज्ञान 🪴🌹 कटप्पा – महान भक्त, जिन्होंने अपनी दोनों आँखें भेंट दे दीं By वनिता कासनियां पंजाब. कटप्पा दोस्तों आप लोगों ने बाहुबली फिल्म जरूर देखी होगी । उसमे बताया गया है कि किस तरह एक राज्य के वफादार कटप्पा ने बाहुबली के मर जाने के बाद भी शाशन का साथ निभाया । दोस्तों क्या आप जानते हैं कि आखिर यह कटप्पा नाम शास्त्रों में कहाँ से लिया गया है । चलिए आपको बताते हैं। गीता ज्ञान आज हम कटप्पा नाम के एक व्यक्ति के बारे में जानेंगे और जानेंगे कि उसने भगवान शिव को मांस का टुकड़ा और अपनी आँखें समर्पित क्यों कीं थी । कटप्पा का जन्म कालहस्ती के पास उदयपुर में एक शिकारी परिवार में हुआ था । वर्तमान के उदयपुर में जिसे उस समय उत्तर कुरु के नाम से जाना जाता था । आंध्र प्रदेश के राजमपेट में कटप्पा एक धनुर्धर एक दिन शिकार करने गया लेकिन जंगल में उन्हें एक मंदिर मिला जिसमें शिवलिंग था । कटप्पा भगवान शिव के भक्त थे और वह भगवान शिव को कुछ देना चाहते थे परंतु वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि शिव को भेंट कैसे और किस प्रलकार से करें । फिर उन्होंने मांस का एक टुकड़ा...